Monday, July 27, 2015

पुस्तक ( गीत- संग्रह ) - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गया गीत - '' उदास सुबह ''









मैनें सपने नहीं सजाये ! !

जो भी हुआ , हुआ अनजाने ,
आँसूं जो आँखों में आये !
मैनें सपने नहीं सजाये ! !

जहाँ उदास सुबह बैठी थी ,
मैं जन्मा था उस आँगन में ,
किलकारी भरते अभाव थे ,
जहाँ ग़रीबी के दामन में ;

कभी नहीं मन में आया था ,
कोई इस तम को उजराये ,

पर मैं बिखर गया जब तुमने ,
मेरे रिसते व्रण सहलाये !
मैनें सपने नहीं सजाये ! !


                          - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 23













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