Monday, August 31, 2015

पुस्तक ( गीत - संग्रह ) - ''बोल मेरे मौन '' से लिया गीत - '' कृष्ण के प्रति ''









कृष्ण थे तुम ,
किन्तु तुमने विश्व को दी जोत !
भोग तुम करते हुए भी 
योग के थे स्रोत !!

थे नहीं तुम भ्रमर ,
पर गीता तुम्हारी गूँज !
सारथी थे पार्थ के ,
पर थे सभी के पूज !!

थीं कला सोलह ,
नहीं थे पर कलंकी चाँद !
तुम मनुज पर सत्य यह 
संसृति तुम्हारे बाद !!

पीत अम्बर तुम ,
कहे जाते तुम्हीं हो श्याम !
हो तुम्हीं तो कृष्ण ,
कहलाते तुम्हीं हो राम !!


                   - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 43












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