Wednesday, September 2, 2015

पुस्तक ( गीत - संग्रह ) - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गीत --- '' उसको नमन करें ''









रात के कुरूपा चेहरे पर 
आवरण सुनहरा डाल दिया ,
किसने सूरज को गेंद बना 
इस तम के बीच उछाल दिया ?

पेड़ों के हाथ दिये किसने 
रुमाल अनेकों रंगों के ?
हँसकर किसने ये साँसों का 
दीपक प्राणों में बाल दिया ?

किसने काया को रूप दिया ,
मदिरा दी मादक यौवन को ?
किसने जिन्दगी नाम लिख दी 
लाचार अभागे रज - कण को ?

जो हो , वह कारक का कारक ,
वह है अनादि , अविनाशी है ,
आओ , हम उसको नमन करें ,
जो हर घट - घट का वासी है !


                        - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 45












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