Tuesday, January 26, 2016

'' एक देशद्रोही का आत्म - कथ्य '' नामक नवगीत , स्व. श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह - '' एक नदी कोलाहल '' से लिया गया है -









शीश नहीं ,
हम तो बस सिर्फ़ हैं कबन्ध। 
अपना तो परिचय है 
- जाफ़र - जयचन्द। 

खड़े हुए 
काई पर पाँव धरे ,
बड़े हुए 
मगर बँटे औ ' बिखरे ;

नाटक के पात्रों - सा 
रखकर सम्बन्ध। 
अपना तो परिचय है 
- जाफ़र - जयचन्द।

स्वर्ण - कलश 
पर हम हैं छेर पड़ी ,
जीवन - रस 
में हम हैं विषखपड़ी ;

स्वार्थों से किया सदा 
हमने अनुबन्ध। 
अपना तो परिचय है 
- जाफ़र - जयचन्द।

नदियों को 
जब चाहा सोख लिया ,
सदियों को 
बढ़ने से रोक दिया ;

सुनने में थे सदैव 
हम ललित निबन्ध। 
अपना तो परिचय है 
- जाफ़र - जयचन्द।


                  - श्रीकृष्ण शर्मा 

( कृपया इसे पढ़ कर अपने विचार अवश्य लिखें |आपके विचारों का स्वागत है |धन्यवाद |
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पुस्तक - '' एक नदी कोलाहल ''  ,  पृष्ठ - 37

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com

सुनील कुमार शर्मा 
पी . जी . टी . ( इतिहास ) 
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

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